विद्यालय परिचय-
सात्विक दान की प्रतिमूर्ति लाला शम्भुदयाल जी का जन्म 28 अगस्त 1857 को तहसील गाजियाबाद तत्कालीन मेरठ जनपद में हुआ | आपको तत्कालीन अंग्रेजी सरकार ने ऑनरेरी मजिस्ट्रेट तथा रायबहादुर की उपाधि से अलंकृत किया । आपने ज्ञान की अलख जगाने के उद्देश्य से सन 1917 में अपने निजी स्रोतों से रु० 1,10,000 ( एक लाख दस हजार रु० मात्र ) से शम्भुदयाल हाई स्कूल के नाम से संस्था प्रारंभ की और 1924 में अपनी सारी संपत्ति विद्यालय को समर्पित कर दी और इसके संरक्षण के लिए एक ट्रस्ट बनाया जिसमें तत्कालीन जिलाधिकारी को ट्रस्ट का पदेन अध्यक्ष बनाया | सन 1946 में विद्यालय को इण्टरमीडिएट की मान्यता प्राप्त हुई तथा सन् 1952 से विद्यालय अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों की श्रेणी में है |
प्रारंभ में विद्यालय में छात्र छात्राओं की सह शिक्षा की व्यवस्था थी किंतु बाद में इसे केवल बालक इटरमीडिएट कॉलेज बनाया गया | विद्यालय ने स्थापना से लेकर अब तक अपनी गरिमा को बनाए रखा है इसमें शिक्षा प्राप्त करके अनेकानेक डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, कुशल प्रशासक एवं सफल व्यापारी बनकर विद्यालय की गरिमा को बढ़ाया है और बढ़ा ही रहे हैं।
रायबहादुर लाला शम्भुदयाल जी एक ब्रह्मचारी व्यक्ति थे तथा अपनी सम्पूर्ण सम्पत्ति को विद्यालय संचालन हेतु दान देने के उपरान्त ०२ फरवरी सन 1931 में ब्रह्मलीन हो गए |